Sunday, May 5, 2019


इस तरह  जिन्दा हैं
इस जिंदगी से हम
कि जैसे
कोई वक़्त का परिंदा
आयने में कैद हो

Saturday, February 23, 2019

१.

जो ढल गया,
वो एक रात थी

एक नई सुबह
को तलाशता मेरा चाँद

मुझसे
खो गया !

२.
तुम कह लेना मुझसे,
वो सारी  बातें,
एक बार बस
इन  तनहा सन्नाटों
का शोर थम जाने दो !