Saturday, November 25, 2017

ये तो तुम्हारा नाम है
जो ज़िंदा हैं
इस ज़िंदगी से हम |

 नहीं तो,
मौत की इबारत पर
हज़ारों आशनाये 
बिखरी हुई होतीं |

यूँ तो कहने आये थे हम
हज़ारों कहानियाँ,
पर अगर एक बात कहते
तो हज़ार बात होती|

दो परों के सपनों से
मैं कई बार
उस सातवें आसमान
के पार गया,
कोई वहाँ नहीं था
हम किससे बात करते| 

जिंदगी के फलसफे को
सुलझाने के फेर में
इतने उलझ गयें हैं कि
की हम
और क्या बात करते| 













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